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एफएमसी के 'समर्थ' से भारत में जल प्रबंधन और कृषि संबंधी स्थायित्व को बढ़ावा

एफएमसी इंडिया अपने सामुदायिक पहुंच कार्यक्रम - परियोजना 'समर्थ' के माध्यम से किसानों को बेहतर और समृद्ध जीवन देने की दिशा में सहायता प्रदान कर रहा है।

कंपनी चार प्रमुख मुद्दे, सुरक्षित पानी और अच्छा स्वास्थ्य, अच्छी कृषि पद्धतियां, कृषि में विज्ञान और महिलाओं को सशक्त बनाने को बढ़ावा देकर, भारतीय किसान परिवारों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

विभिन्न किसान-केंद्रित परियोजनाएं जारी हैं या परियोजना 'समर्थ' के तहत उनकी शुरुआत की जानी है. उदाहरण के लिए, परियोजना 'समर्थ' के तहत सुरक्षित जल के लिए पहल, प्रत्यक्ष रूप से संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 6.11 का समर्थन करती है, जिसका लक्ष्य "2030 तक सभी के लिए सुरक्षित और किफायती पेयजल के लिए सार्वभौमिक और समान पहुंच" प्रदान करना है. एफएमसी इंडिया को उम्मीद है कि वह इस पहल के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर देश में 200,000 किसान परिवारों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य जल उपलब्ध करा पाएगा।

सुरक्षित जल की पहल के तहत, कंपनी ने 2019 में 15 जल शुद्धिकरण संयत्र स्थापित किए हैं. प्रत्येक परिवार के लिए 20 लीटर पानी प्रदान करने वाले स्वाइप कार्ड के साथ, सुरक्षित जल आवंटन तक आसानी से पहुंच के लिए वितरण इकाइयां स्थापित की गई हैं. स्थानीय एफएमसी कर्मचारियों के सहयोग से ग्राम समुदाय द्वारा संयंत्र का प्रबंधन किया जाता है और संयंत्र के प्रबंधन में स्थानीय समुदायों का सहयोग और मार्गदर्शन किया जाता है।

समुदाय पर पहल के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुए, रामुआपुर के एक ग्रामीण मणिकांत मिश्रा ने कहा, “जल संयंत्रों की स्थापना के बाद, बीमारियों की घटनाओं में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है. इसके अतिरिक्त, इसने हमें इन बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च से भी मुक्ति दिलाई है.”

वर्ष 2020 में, कंपनी ने उत्तर प्रदेश राज्य में गन्ना सहकारी समितियों में 52 जल शोधन इकाइयां स्थापित कीं, जिसमें शुद्धिकरण, ठंडा करना और भंडारण की सुविधा प्रदान की गई थी. इस इकाई की शुद्धिकरण की क्षमता प्रति घंटे 40 लीटर है. इससे गन्ना सहकारी समितियों में आने वाले किसानों और आगंतुकों को साल भर शुद्ध और ठंडे पानी की सुविधा प्राप्त होती है. मार्च 2021 में 27 नई सामुदायिक जल शोधन इकाइयों की स्थापना के साथ इसे और बढ़ाया गया. आज, उत्तर प्रदेश और पंजाब में 120 गांव के, 80,000 किसान परिवारों को इस पहल से लाभ मिलने की उम्मीद है. फैज़पुर निवासी एक गृहिणी, मिथिलेश ने यह सुविधा प्रदान करने के लिए एफएमसी को धन्यवाद दिया, क्योंकि इससे उनको समय और ऊर्जा की बचत होती है और उनके परिवार में सभी सदस्यों को इससे आराम मिलता है. एक अन्य ग्रामीण ने कहा, "इस परियोजना से न केवल हमारी आर्थिक स्थिति के सुधार में मदद मिली है, बल्कि सेवा का लाभ उठाने वाले परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य, खुशहाली और मन की शांति भी प्राप्त हुई है. पहले की तुलना में अब पानी प्राप्त करने में हमें समय की बचत होती है, उस समय का उपयोग खेती के लिए किया जा सकता है.”

एफएमसी पूरे भारत में पांच और राज्यों को शामिल करने के लिए परियोजना के दायरे का विस्तार कर रहा है और वर्ष 2021 में चुने गए राज्यों में 35 सामुदायिक जल शुद्ध करने वाले संयत्रों को चालू करेगा. वर्ष 2022 के लिए भी इसी तरह के संयंत्रों की संख्या निर्धारित है. कृषि समुदाय की सुरक्षित जल स्रोत तक पहुंच से, पानी इकट्ठा करने के उनके दैनिक संघर्ष में कमी आएगी और इस समय को राजस्व उत्पादन के अन्य साधनों में लगाया जा सकता है और स्थायी खेती पद्धति में लगाया जा सकता है।

सुरक्षित जल की पहल के विस्तार के रूप में, कंपनी मीठे पानी के संसाधनों के सतत प्रबंधन को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम पद्धतियों पर किसानों को शिक्षित कर रही है. उदाहरण के लिए, विश्व जल दिवस 2021 के लिए, एफएमसी ने देश के 18 राज्यों में 400 से अधिक किसानों के लिए बैठकों का आयोजन करके ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान की शुरुआत की और 14,000 से अधिक किसान समुदायों से संपर्क किया. कृषि में जल प्रबंधन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए, एफएमसी के तकनीकी क्षेत्र के 4,000 से अधिक विशेषज्ञों ने, किसानों से कृषि संधारणीयता को बढ़ाने के लिए बेहतर कृषि पद्धतियों के बारे में बताया और पानी के उपयोग को अनुकूलित करने, दक्षता बढ़ाने और पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न तरीकों की जानकारी दी।

सुरक्षित जल की पहल के अलावा, एफएमसी, भारत की प्रमुख फसल संरक्षण कंपनियों में से एक है, जो स्थानीय अनुसंधान और विकास प्रयासों के माध्यम से, विकसित नई तकनीकों से किसानों की सहायता करती है और किसानों के अनुकूल समाधान प्रदान करती है. यह कंपनी कृषक समुदाय के जीवन स्तर में सुधार लाने और संधारणीयता बढ़ाने के लिए अन्य परियोजनाओं पर भी सक्रिय रूप से काम कर रही है. कंपनी का काम न केवल स्वच्छ जल और स्वच्छता के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य का समर्थन करने पर केंद्रित है, बल्कि कोई भूखा न रहे, इस पर भी केंद्रित है।

एफएमसी के मूल सिद्धांतों में से एक संधारणीयता पर कंपनी का ध्यान केंद्रित है, ताकि किसानों को सुरक्षित खाद्य आपूर्ति बनाए रखने में मदद मिल सके. हमारी टीम, समाधान और जानकारी देने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है, जो कृषि उत्पादकता बढ़ाती है और दुनिया भर के किसानों के जीवन और आजीविका को समृद्ध बनाती है।

एफएमसी ने प्रायोगिक परियोजना के तहत पिछले साल गन्ना किसानों के लिए डीसीएम श्रीराम समूह के साथ भागीदारी की, जिसका उद्देश्य स्वच्छ पानी, अच्छी कृषि पद्धतियों, फसल सुरक्षा उत्पादों के विवेकपूर्ण उपयोग और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित करना है. वर्ष 2020 में बेहतर कृषि पद्धतियों पर अनेक जागरूकता और प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से 3.2 मिलियन किसानों को लाभांवित किया गया।

(आर्टिकल का स्रोत: https://indiacsr.in/csr-fmcs-samarth-promotes-water-stewardship-and-sustainable-agriculture-in-india/)