एक प्रमुख कृषि विज्ञान कंपनी, एफएमसी इंडिया ने आज हैदराबाद में प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय (पीजेटीएसएयू) के साथ भारत के आठ राज्यों में प्रमुख कृषि स्कूलों के लिए बहु-वर्षीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. एमओयू पर एफएमसी इंडिया के अध्यक्ष डॉ रवि अन्नावरापु और पीजेटीएसएयू के कुलपति डॉ वी प्रवीण राव ने हस्ताक्षर किए।
इस समझौते के तहत, एफएमसी कृषि विज्ञान में डॉक्टरेट और मास्टर डिग्री करने वाले विश्वविद्यालय के छात्रों को सालाना दो छात्रवृत्तियां प्रदान करेगा. एफएमसी सीधे विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करेगा और उनके प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करने और विज्ञान और अनुसंधान के लिए उनकी रुचि विकसित करने में मदद करेगा. भारत में अधिक महिलाओं को कृषि विज्ञान और अनुसंधान में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 50 प्रतिशत छात्रवृत्तियां महिला उम्मीदवारों के लिए रखी गई हैं. छात्रवृत्तियों के अलावा, एफएमसी विश्वविद्यालय के साथ अपने सहयोगी अनुसंधान कार्य को भी बढ़ाएगा।
"एफएमसी कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को भविष्य के नेताओं के रूप में आकार देने की दिशा में काम कर रहा है. हमारी प्रतिभा रणनीति के एक हिस्से के रूप में, हम एफएमसी में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक समृद्ध विविधता के साथ स्थानीय वैज्ञानिकों की एक मज़बूत उपस्थिति की कल्पना करते हैं, जो भारत में, भारत और दुनिया के लिए तकनीकी नवाचार लाएंगे. एफएमसी इंडिया के अध्यक्ष रवि अन्नावरापु ने कहा कि "विश्वविद्यालय के साथ हमारी साझेदारी अभ्यर्थियों की क्षमताओं को पंख देगी और उन्हें उद्योग के विशेषज्ञों और शिक्षकों के मार्गदर्शन के साथ सफलता की राह बनाने में मदद करेगी". "भारत में शोध और विकास के लिए निवेश उल्लेखनीय दर से बढ़ रहे हैं और हमारे नवाचार वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहे हैं. एफएमसी साइंस लीडर्स छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से, हमारा लक्ष्य युवा प्रतिभा को इस विकास के पथ पर सबसे आगे रखने के लिए सशक्त बनाना है.”
इस साझेदारी के बारे में बोलते हुए, पीजेटीएसएयू के कुलपति डॉ वी प्रवीण राव ने कहा: "हम वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए स्थायी और धारणीय प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एफएमसी द्वारा की गई अभिनव पहल की सराहना करते हैं. ग्रामीण भारत में सुरक्षित पानी के लिए प्रोजेक्ट सफल और प्रोजेक्ट समर्थ, अच्छे स्वास्थ्य, जीएपी, कृषि में महिलाओं को सशक्त बनाने और युवाओं के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने जैसी कई पहलों के माध्यम से की गई आउटरीच गतिविधियां एफएमसी द्वारा किए गए उल्लेखनीय प्रयास हैं.” साइंस लीडर्स छात्रवृत्ति प्रोग्राम की सराहना करते हुए, डॉ राव ने कहा, "एफएमसी के साथ हमारी साझेदारी कृषि क्षेत्र में काम तथा विकास करने के इच्छुक युवा भारतीय प्रतिभाओं को एक बहुत ही आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करने में मदद करेगी और वर्तमान और भविष्य की प्रतिभा आवश्यकताओं के लिए संभावित प्रतिभाओं को तैयार करेगी. पीजेटीएसएयू पूरे तेलंगाना राज्य में पीजेटीएसएयू के द्वारा अपनाए गए गांवों में सटीक कृषि, एग्रीटेक वेंचर कैपिटल, धारणीय कीट प्रबंधन समाधान और किसान कनेक्ट प्रोग्राम जैसे सामान्य लक्ष्यों पर काम करने के लिए एफएमसी के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है.”
कृषि-उद्योग में सबसे शक्तिशाली खोज और विकास पाइपलाइन में से एक को निर्देशित करने के लिए 800 से अधिक वैज्ञानिकों और सहयोगियों सहित एक विश्वस्तरीय इन-हाउस अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) संगठन के साथ एफएमसी, कृषि इकोसिस्टम के भीतर वैज्ञानिक समुदाय और अकादमियों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. एफएमसी ने हाल ही में उत्तराखंड के पंतनगर में जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और गुंटूर में आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय के साथ इसी तरह के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
एफएमसी के बहु-वर्षीय छात्रवृत्ति कार्यक्रम ने कृषि, कीट विज्ञान, रोग विज्ञान, मृदा विज्ञान और बागवानी जैसे संकायों में आठ विश्वविद्यालयों में भारत भर में 10 पीएचडी (कृषि) और 10 एमएससी (कृषि) छात्रवृत्तियों का समर्थन करने का संकल्प किया है. छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत, पुरस्कार पाने वालों को कंपनी में पूर्णकालिक रोजगार के अवसरों में वरीयता प्रदान करने के अलावा, उनके समग्र विकास के लिए प्रशिक्षण और उद्योग संबंधी मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।