मिट्टी की लवणता को रोकना, मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ाना
संधारणीयता, एफएमसी इंडिया के व्यवसाय के मूल में है और हम विभिन्न संधारणीयता पहलों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मृदा स्वास्थ्य हमारे लिए एक प्रमुख धारणीय विषय है, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि मृदा खेती के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
भारतीय मृदा आज कई चुनौतियों का सामना कर रही है - वर्षों से मृदा की गुणवत्ता में चौतरफा गिरावट हो रही है और भारत में मृदा के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करना हमारी ज़िम्मेदारी है। विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, "ज़ीरो हंगर" एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है.
5th दिसंबर को पूरे भारत में विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व मृदा दिवस 2021 का विषय था 'मृदा की लवणता को रोकें, मृदा की उत्पादकता को बढ़ाएं. इसका उद्देश्य मृदा की लवणता के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.
हर साल की तरह, टीम एफएमसी ने 5th दिसंबर 2021 को विश्व मृदा दिवस पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया. हमने मृदा स्वास्थ्य के बारे में किसानों, चैनल भागीदारों और अन्य हितधारकों को शिक्षित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए. 600+ किसान बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 200+ चैनल पार्टनर शामिल थे, 850+ पेड़ लगाए गए, 20+ वाहन रैलियां आयोजित की गईं और हमारी टीमों ने लगभग 80 सरकारी अधिकारियों के साथ संवाद किया. हमारे रचनात्मक नेतृत्व ने मृदा दिवस निबंध प्रतियोगिता, स्थानीय कॉलेजों / स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित करके और इस विषय पर नाटक तथा रोल-प्ले के माध्यम से महिला किसानों को इसमें शामिल करके इस अभियान को अगले स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ज़मीनी गतिविधियों के साथ-साथ, हमने मृदा स्वास्थ्य के संबंध में डिजिटल अभियान भी शुरू किए हैं. हमने आईसीएआर के मृदा वैज्ञानिकों के साथ एक वेबिनार का आयोजन किया, जहां उन्होंने मृदा की लवणता के कारणों और इस चुनौती से निपटने के तरीकों के बारे में अपना ज्ञान साझा किया. अन्य डिजिटल गतिविधियों में मृदा की स्थिति, विश्व मृदा दिवस की विषयवस्तु और मृदा स्वास्थ्य जागरूकता के लिए एफएमसी पहल को समर्थन देने के लिए ग्राहक शपथ पर बनी छोटी क्लिप्स शामिल थीं।
इस अभियान को प्रमुख प्रिंट मीडिया और लोकल टीवी चैनल द्वारा कवर किया गया था. देश के कई उद्योग जगत के नेतृत्वकर्ता और मृदा विशेषज्ञों ने इस अभियान की सराहना की थी।
इस अभियान का उद्देश्य सतत और धारणीय कृषि की दिशा में एक छोटा सा योगदान करना है. हर साल यह हमें मृदा के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर देता है और हमें भारत को मृदा समृद्ध देश बनाने के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है!