महाराष्ट्र में कीटनाशकों के असुरक्षित प्रयोग की समस्या लंबे समय से रही है. वर्ष 2017 विशेष रूप से एक भयावह वर्ष था, जब यवतमाल और उससे सटे जिलों में फसल सुरक्षा उत्पादों के असुरक्षित प्रयोग के कारण 30 किसानों एवं कृषि श्रमिकों की मौत हो गई थी. महाराष्ट्र कृषि विभाग तब से ही विभिन्न कृषि रसायन कंपनियों के सहयोग से कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग पर निरंतर जागरूकता अभियान चला रहा है।
एफएमसी में, हम दवाओं के संपर्क में आने के प्रत्येक चरण के दौरान सभी किसानों की सुरक्षा को अपनी मुख्य ज़िम्मेदारियों में से एक मानते हैं. वर्ष 2018 और 2019 में, एफएमसी ने कृषि विभाग के सहयोग से चंद्रपुर जिले में इस मुद्दे पर व्यापक जागरूकता अभियानों का आयोजन किया था. इस वर्ष एफएमसी को अकोला जिले में किसानों के लिए कीटनाशक सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के संचालन के लिए नोडल कंपनी नियुक्त किया गया।
कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग और केवीके के सहयोग से, हम इस विषय पर विभिन्न अभियान चला रहे हैं. उच्च प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए जिला एवं तालुका स्तर के अधिकारियों के सहयोग से वाहन अभियान चलाए जा रहे हैं. पहले वाहन अभियान का उद्घाटन स्वयं अकोला जिले के कलेक्टर श्री जितेंद्र पापड़कर ने किया।
आत्मा (एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी) के सहयोग से, हम न केवल अकोला में, बल्कि उससे सटे 4 अन्य जिलों में भी हजारों किसानों को पीपीई किट वितरित रहे हैं. प्रत्येक किट में एक एप्रॉन, मास्क, आंखों के लिए सुरक्षात्मक गियर और दस्ताने होते हैं. वाहन अभियानों का उपयोग, किसानों की छोटी सामूहिक बैठकों का आयोजन करने और पीपीई किट के उपयोग एवं उसके महत्त्व को समझाने के लिए किया जा रहा है. टीएओ (तालुका कृषि अधिकारियों) ने भी हमारे अभियान में भाग लिया है और किसानों एवं कृषि श्रमिकों को विभिन्न फसलों के लिए कीटनाशकों के सुरक्षित प्रयोग की जानकारी दी है।
इस अभियान के तहत, हम अब तक 115 गांवों के 5000 से अधिक किसानों को जागरूक कर चुके हैं. जागरूकता बढ़ाने और फसल सुरक्षा उत्पादों के सुरक्षित प्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए, हम इस अभियान का विस्तार करने और राज्य के अधिकारियों के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।