अक्टूबर 10, 2023: उत्तराखंड के पंत नगर स्थित जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएटी) के एंटोमोलॉजी विभाग की प्रथम वर्ष की पीएचडी छात्रा काव्या नार्ने को कृषि विज्ञान कंपनी एफएमसी इंडिया द्वारा प्रतिष्ठित साइंस लीडर्स स्कॉलरशिप दिया गया है। किसानों की मदद करने की अपनी इच्छा से प्रेरित होकर और एफएमसी इंडिया के सहयोग से, काव्या अनुसंधान और नवाचार में संरक्षक बनना चाहती हैं और कृषि में फसल सुरक्षा और संधारणीयता की स्थिति को और बेहतर करना चाहती हैं।
2021 से शुरू एफएमसी साइंस लीडर्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम द्वारा हर साल कृषि विज्ञान के क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले बीस छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती है। इसमें दस छात्रवृत्तियां पीएचडी करने वाले छात्रों को और दस छात्रवृत्तियां कृषि विज्ञान में एमएससी करने वाले छात्रों को प्रदान की जाती हैं। इनमें से पचास प्रतिशत छात्रवृत्तियां महत्वाकांक्षी और प्रतिभाशाली महिलाओं के लिए निर्धारित होती हैं, जो कृषि विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से, एफएमसी इंडिया का उद्देश्य कृषि अनुसंधान और नवाचार में अपनी योग्यता विकसित करके के इच्छुक वैज्ञानिकों के लिए अवसर पैदा करना है। इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम को उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना बनाने वाले युवाओं के लिए क्षमता और कौशल निर्माण, अनुसंधान और नवाचार के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।
एफएमसी इंडिया के अध्यक्ष, रवि अन्नवरपु ने कहा, "एफएमसी में, हम कृषि क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए विविध और समावेशी कार्य संस्कृति का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अत्यधिक प्रेरित हैं. कृषि क्षेत्र में तरक्की करने के लिए यह समय की मांग है कि अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों की एक मज़बूत पंक्ति का निर्माण और सशक्तिकरण किया जाए, जो सभी के स्थायी भविष्य में अपना योगदान दे सकें
“जीबीपीयूएटी के पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज के डीन डॉ. किरण पी. रावेरकर ने कहा, "स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों को मार्गदर्शन और इंटर्नशिप के अवसरों के माध्यम से उनकी सोच का विस्तार करने में मदद करने के लिए एफएमसी के साथ जीबीपीयूएटी की समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण रहा है। छात्रों, एफएमसी कर्मियों और सलाहकार समिति के बीच बातचीत से भी छात्र अपनी सोच को विकसित करने और बेहतर अनुसंधान विवरण के निर्माण के लिए प्रेरित होते हैं। इससे वे उद्योग से संबंधित अनुसंधान कार्य का नेतृत्व और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। छात्रवृत्तियां छात्रों को विशेष प्रशिक्षण, प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों, कार्यशालाओं आदि में भाग लेने के माध्यम से उनके संचार कौशल और महत्वपूर्ण सोच को विकसित के लिए सुविधा प्रदान करती हैं। मुझे विश्वास है कि यह उद्योग-अकादमिक साझेदारी से बड़े पैमाने पर कृषि उद्योग में संधारणीयता प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी।"।
इस अवसर के बारे में बात करते हुए काव्य ने कहा, ''मैं बचपन से ही पौधों और कृषि के प्रति आकर्षित रही हूं, जिसने मुझे कृषि क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय में नामांकन के बाद मैंने एफएमसी साइंस लीडर्स स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में जाना। मैं इस प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति से सम्मानित होने पर वास्तव में सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं, जिसने मुझे कृषि के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया। मैं इस क्षेत्र के बारे में और अधिक ज्ञान पाने और कृषि के क्षेत्र में एक सफल महिला उद्यमी बनने की पूरी कोशिश करूंगी। मैं इस अवसर के लिए एफएमसी इंडिया की आभारी हूं और अपने विकास को सुनिश्चित करने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव को बढ़ाने के लिए तत्पर भी हूं।”
काव्या ने अपनी स्कूली और इंटरमीडिएट की शिक्षा आंध्र प्रदेश से पूरी की और कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर बापटला, एएनजीआरएयू से स्नातक की डिग्री हासिल की, जहां उन्हें कृषि क्षेत्र से बहुत लगाव हो गया। कृषि क्षेत्र के प्रति काव्या के समर्पण ने उन्हें उत्तर प्रदेश के मेरठ में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कीट विज्ञान विभाग में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए प्रेरित किया। अपनी शिक्षा से उन्होंने कृषि सिद्धांतों और पद्धतियों की व्यापक समझ प्राप्त की।
हर साल, कृषि विज्ञान में पीएचडी/एमएससी करने वाले बीस छात्र, देश भर के एफएमसी साइंस लीडर्स स्कॉलरशिप से पहले से ही हुए लाभान्वित छात्रों के समूह में शामिल होते जा रहे हैं।
एफएमसी के बारे में
एफएमसी कॉर्पोरेशन एक वैश्विक कृषि विज्ञान कंपनी है जो किसानों को बदलते वातावरण के साथ अनुकूलन बनाते हुए विश्व की बढ़ती जनसंख्या के लिए भोजन, खाद्य, रेशे और ईंधन उत्पादित करने में मदद करने के लिए समर्पित है। एफएमसी के नवोन्मेषी फसल सुरक्षा समाधान - जिनमें जैविक समाधान, फसल पोषण समाधान व डिजिटल और सटीक कृषि से संबंधित समाधान शामिल हैं - फसल उत्पादकों, फसल सलाहकारों और टर्फ और कीट प्रबंधन से जुड़े पेशेवरों को पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए आर्थिक रूप से अपनी सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाते हैं। दुनियाभर में सौ से अधिक कार्यालयों/कारखानों में लगभग 6,400 कर्मचारियों के साथ, एफएमसी नए शाकनाशी, कीटनाशी और फफूंदनाशी से संबंधित सक्रिय घटकों की खोज करने तथा उत्पाद निर्माण की पद्धतियों और ऐसी अग्रणी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इस दुनिया के लिए लगातार बेहतर साबित हो सकें। देखें fmc.com और ag.fmc.com/in/en अधिक जानने के लिए और इन प्लेटफॉर्म पर एफएमसी इंडिया को फॉलो करें फेसबुक® और यूट्यूब®.