फलों और सब्ज़ियों (F&V) की खेती भारतीय कृषि के लिए विकास का इंजन है तथा आने वाले समय में भी यह स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी. वर्तमान में 2.6% % की कृषि विकास दर की तुलना में, पिछले दशक से सब्ज़ियों का उत्पादन 4.6% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है. नई खोज एवं आविष्कार से यह वृद्धि हो रही है तथा उत्पादकता में और वृद्धि होने की असीम संभावनाएं हैं. बढ़ती हुई आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और स्वस्थ और रोग मुक्त जीवन बनाए रखने के लिए फल एवं सब्ज़ियों की खेती पर ध्यान देना आवश्यक है।
आज, एफ एंड वी फसलें, कुल खेती योग्य भूमि के 17% (इसमें विस्तार हो रहा है) क्षेत्र में उगाई जाती हैं और कृषि जीडीपी में लगभग 30% में योगदान देती हैं. इसमें किसानों को इच्छित परिणाम प्राप्त करने में कुछ चुनौतियां का सामना करना पड़ता है, क्योंकि किसानों के पास फसल की खेती, बाज़ार से जुड़ने, वित्त आदि से संबंधित सीमित साधन उपलब्ध हैं. अब इसमें डिजिटल खोज और प्रौद्योगिकी किसानों की मदद कर रहे हैं, जो सूचना अंतराल को कम करने में मदद कर रहे हैं. भारत सरकार ने भी 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य बनाया है. यह केवल एफ एंड वी फसलों की खेती से संभव है और इसके जुड़े स्थायी भविष्य के लिए सर्वोत्तम पद्धतियों को अपनाना ज़रूरी है।
एफएमसी में हम, किसानों को उन्नत, नवीनतम तकनीकों और किसानों के अनुकूल समाधानों को उन तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं, जो किसानों को उनकी आय और आजीविका में सुधार करने में मदद करेगा. इस विषय पर निरंतर ध्यान केंद्रित करने के लिए, एफएमसी इंडिया ने 2020 में एक क्रॉप टीम का गठन किया है. क्रॉप टीम का लक्ष्य समाधान-संबंधी दृष्टिकोण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ, विभिन्न फसलों में सर्वोत्तम उपकरणों का उपयोग करना है. यह टीम सर्वोत्तम परिणामों के लिए, एकीकृत कीट प्रबंधन द्वारा संचालित समाधान को लागू करने और किसानों को सर्वोत्तम कृषि पद्धतियों को सीखने में मदद करेगी।
एफएमसी को अब तक पंक्ति वाली फसलों के लिए समाधान प्रदाता के रूप में जाना जाता है. हालांकि, हम नई सोच के साथ फल एवं सब्जियां उगाने वाले किसानों के लिए भी मदद पहुंचा रहे हैं. हम उनकी उत्पादकता बढ़ाने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, लगातार समाधान प्रदान करके उनके सपनों को पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं।